Mountain Peaks Of HP In HIndi PDF
👉👉Peaks of Himachal Pradesh:-
||Peaks of Himachal Pradesh||Mountain Peaks Of HP In HIndi PDF||1. नाम :- शिल्ला
• जिला :- किन्नौर
• ऊंचाई मीटर में :- 7025
2. नाम :- लियो पारजिल
• जिला :- किन्नौर
• ऊंचाई मीटर में :- 6791
3. नाम :- शिपकी
• जिला :- किन्नौर
• ऊंचाई मीटर में :- 6608
4. नाम :- मनीरैंग
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 6597
5. नाम :- मुलकिला
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 6520
6. नाम :- किन्नर-कैलाश (रल्दांग)
• जिला :- किन्नौर
• ऊंचाई मीटर में :- 6500
7. नाम :- डिबीवोकरी
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 6400
8. नाम :- गेफांग
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 6400
9. नाम :- शिगरिला
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 6230
10. नाम :- इन्द्रासन
• जिला :- कुल्लू (मनाली)
• ऊंचाई मीटर में :- 6220
11. नाम :- शिकर बेहु
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 6200
12. नाम :- मुकर बेहु
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 6070
13. नाम :- गेफांग गो
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 6050
14. नाम :- दियो टिब्बा
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 6001
15. नाम :- सोलांग
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 5975
16. नाम :- मेवा कान्दिनू
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 5944
17. नाम :- पीर पंजाल
• जिला :- चम्बा
• ऊंचाई मीटर में :- 5972
18. नाम :- हनुमान टिब्बा
• जिला :- कुल्लू-काँगड़ा
• ऊंचाई मीटर में :- 5860
19. नाम :- बड़ा-खड़ा
• जिला :- चम्बा (भरमौर)
• ऊंचाई मीटर में :- 5860
20. नाम :- कैलाश
• जिला :- चम्बा (भरमौर)
• ऊंचाई मीटर में :- 5660
21. नाम :- शालतू दा पार
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 5650
22. नाम :- परागला
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 5579
23. नाम :- उमाशिला
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 5294
24. नाम :- शितिधार
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 5290
25. नाम :- श्री खंड
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 5182
26. नाम :- तमसार
• जिला :- चम्बा
• ऊंचाई मीटर में :- 5080
27. नाम :- लछालंगला
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 5060
28. नाम :- मुरांगला
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 5060
29. नाम :- शृंगला
• जिला :- लाहौल-स्पीती
• ऊंचाई मीटर में :- 4999
30. नाम :- इन्द्रकिला
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 4940
31. नाम :- पिन पार्वती
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 4800
32. नाम :- घोरातनतनु
• जिला :- कुल्लू-काँगड़ा
• ऊंचाई मीटर में :- 4760
33. नाम :- पतालसू
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 4470
34. नाम :- गौरी देवी का टिब्बा
• जिला :- चम्बा
• ऊंचाई मीटर में :- 4030
35. नाम :- हरगारण
• जिला :- लाहौल-स्पीति
• ऊंचाई मीटर में :- 3850
36. नाम :- नरसिंह टिब्बा
• जिला :- चम्बा
• ऊंचाई मीटर में :- 3730
37. नाम :- साचा
• जिला :- कुल्लू
• ऊंचाई मीटर में :- 3540
38. नाम :- चोलांग
• जिला :- काँगड़ा
• ऊंचाई मीटर में :- 3270
👉👉Highest Peaks of District:-
||Peaks of Himachal Pradesh||Mountain Peaks Of HP In HIndi PDF||
1. जिला :- किन्नौर
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- शिल्ला
• ऊंचाई (मीटर) :- 7025
2. जिला :- लाहौल-स्पीति
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- मनीरेंग
• ऊंचाई (मीटर) :- 6597
3. जिला :- कुल्लू
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- डिवी वोकरी पिरामिड
• ऊंचाई (मीटर) :- 6400
4. जिला :- चम्बा
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- पीर पंजाल
• ऊंचाई (मीटर) :- 5972
5. जिला :- काँगड़ा
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- हनुमान टिब्बा
• ऊंचाई (मीटर) :- 5860
6. जिला :- शिमला
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- चांसल चोटी
• ऊंचाई (मीटर) :- 4520
7. जिला :- मण्डी
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- नागरू
• ऊंचाई (मीटर) :- 4400
8. जिला :- सिरमौर
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- चूड़धार
• ऊंचाई (मीटर) :- 3647
9. जिला :- सोलन
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- माउंट करोल
• ऊंचाई (मीटर) :- 2280
10. जिला :- बिलासपुर
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- बहादुरपुर
• ऊंचाई (मीटर) :- 1980
11. जिला :- ऊना
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- भारवैन
• ऊंचाई (मीटर) :- 1200
12. जिला :- हमीरपुर
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- अवाहदेवी
• ऊंचाई (मीटर) :- 1100
1. जिला :- किन्नौर
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- शिल्ला
• ऊंचाई (मीटर) :- 7025
2. जिला :- लाहौल-स्पीति
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- मनीरेंग
• ऊंचाई (मीटर) :- 6597
3. जिला :- कुल्लू
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- डिवी वोकरी पिरामिड
• ऊंचाई (मीटर) :- 6400
4. जिला :- चम्बा
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- पीर पंजाल
• ऊंचाई (मीटर) :- 5972
5. जिला :- काँगड़ा
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- हनुमान टिब्बा
• ऊंचाई (मीटर) :- 5860
6. जिला :- शिमला
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- चांसल चोटी
• ऊंचाई (मीटर) :- 4520
7. जिला :- मण्डी
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- नागरू
• ऊंचाई (मीटर) :- 4400
8. जिला :- सिरमौर
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- चूड़धार
• ऊंचाई (मीटर) :- 3647
9. जिला :- सोलन
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- माउंट करोल
• ऊंचाई (मीटर) :- 2280
10. जिला :- बिलासपुर
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- बहादुरपुर
• ऊंचाई (मीटर) :- 1980
11. जिला :- ऊना
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- भारवैन
• ऊंचाई (मीटर) :- 1200
12. जिला :- हमीरपुर
• जिले की सबसे ऊंची चोटी :- अवाहदेवी
• ऊंचाई (मीटर) :- 1100
(ii) उच्चावच (Relief)-स्थलरूपों से अभिप्राय धरातलीय विन्यास से है, जबकि इन्हीं धरातलीय स्वरूपों के उच्चवर्ती एवं निम्नवी भू-भागों की ऊँचाइयों ऊँचाई का अन्तर ही उच्चावच कहलाता है। स्थलरूपों का संबंध स्थलरूपों के विन्यास (Configuration) से है।
हिमाचल प्रदेश पश्चिमी हिमालय में स्थित है। हिमाचल प्रदेश में हिमालय का 10.54% हिस्सा केन्द्रित है। हिमाचल प्रदेश के उच्चावच में बहुत अधिक विषमता पाई जाती है। इस पहाड़ी प्रदेश की समुद्रतल से ऊँचाई इसके दक्षिणी निम्नवर्ती क्षेत्रों में 350 मीटर से लेकर उत्तर पूर्वी उच्च हिमालयन एवं जास्कर पर्वत श्रेणियों में 7000 मीटर के करीब है।
(iii) (िमालय का उद्भव एवं हिमाचल प्रदेश (Origin of the Himalayas and Himachal Pradesh)-आज से लगभग करोड़ों वर्ष पहले मध्यजीवी पुराकल्प में वर्तमान हिमालय पर्वत के स्थान पर एक विशाल भू-अभिनति (Geo-Syncline) थी जिसे टेथिज सागर (Tethys Sea) के नाम से जाना जाता था। इस विशाल सागर के उत्तर में अंगारालैण्ड (Angaraland) तथा दक्षिण में गोन्डवाना लैण्ड (Gondwana Land) भूखण्ड थे। इस सामूहिक गोन्डवाना लैण्ड तथा अंगारा लैण्ड भू-खण्ड को वैगनर महोदय ने पैंजिया (Pangea) की संज्ञा दी है। मध्यजीवी पुराकल्प के अन्त में कुछ भू-गर्भीय हलचलों के कारण गोन्डवाना लैण्ड तथा अंगारालैण्ड एक-दूसरे के निकट आए और टैथिस सागर में निक्षेपित तलछट में संपीड़न होने लगा। इस संपीड़न के कारण यह तलछट बलित होकर ऊपर को उठने लगा और वर्तमान हिमालय का निर्माण हुआ। इस पर्वत में निर्माण के दौर को प्राय: अल्पाइन के नाम से भी पुकारा जाता है, क्योंकि आल्पस पर्वत का उत्थान भी इसी दौर में हुआ था। अभिनूतन काल में शिवालिक की पहाड़ियों में बलन आए। भू-वैज्ञानिकों का यह विश्वास है कि उत्थान तथा बलन की क्रिया अब भी जारी है। हिमालय भू-भाग का क्षेत्र वलन क्रिया के कारण अस्थाई है तथा यह क्षेत्र भूकम्पों से पीड़ित है। हिमालय में शिवालिक पहाड़ियाँ ही सबसे युवा स्थलरूप है।
(iv) हिमाचल प्रदेश के भू-भौतिक प्रदेश (Geographical Regions of H.P.)-उच्चावच संबंधी विभिन्न भौतिक तत्वों की विशेषताओं के आधार पर सम्पूर्ण हिमाचल प्रदेश को निम्नलिखित भू-भौतिक क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है
क्षेत्र भूकम्यों से पीड़ित है। हिमालय में शिवालिक पहाड़ियाँ ही सबसे युद्ध स्थलरूप
1. बाहरी हिमालय या शिवालिक क्षेत्र (The Outer Himalayas or The Shiwaliks)
2 लघु हिमालय या मध्यवर्ती क्षेत्र (The Lesser or Lower Himalayas or The Central Zone)
3.उच्च हिमालय या ग्रेट हिमालयन क्षेत्र (The Higher Himalayas or The Great Himalayan Region)
4. आन्तरिक हिमालय या ट्रांस हिमालयन क्षेत्र (The Inner Himalayas or Trans Himalayan Region)
(1) बाहरी हिमालय या शिवालिका क्षेत्र-इस क्षेत्र में सिरमौर जिले का नाहन तथा पांवटा क्षेत्र, सोलन जिले का नालागढ़ क्षेत्र, बिलासपुर जिले के स्वारघाट तहसील के क्षेत्र, ऊना, काँगड़ा तथा चम्बा जिले के निम्नवर्ती भू-भाग सम्मिलित हैं। पांवटा, नाहन, नालागढ़, ऊना तथा नूरपुर यहाँ के प्रमुख शहर है जो दून घाटी में स्थित हैं। इस भू-भाग की कुल लंबाई एक छोटी पट्टी के रूप में 290 किलोमीटर के करीब है, जबकि इसकी चौड़ाई 10 से 40 किलोमीटर के मध्य है। शिवालिक का शाब्दिक अर्थ शिव की जटाएँ हैं। प्राचीन भूगोल में इसे मानक पर्वत भी कहते हैं। इस क्षेत्र की समुद्र तल से औसत ऊँचाई 350 से लेकर 800 मीटर के मध्य तथा उच्चावच लक्षण साधारण हैं और धरातलीय ढाल भी मन्द है। शिवालिक पहाड़ियाँ, लम्बाकार घाटियाँ तथा मैदानी क्षेत्रों की ओर की पर्वतीय ढालें इस भू-भौतिक प्रदेश के प्रमुख स्थलरूप हैं जिनका संक्षिप्तविवरण इस प्रकार है-
- शिवालिक पहाड़ियाँ-इस क्षेत्र का सबसे बाहरी भू-भाग हैं। ये पहाड़ियाँ 10 किलोमीटर की चौड़ाई में फैली हुई हैं। इन पहाड़ियों की औसत ऊँचाई 600 से 900 मीटर के मध्य है। इन पहाड़ियों से वर्षा ऋतु के दौरान कई ऋतुवत् पहाड़ी जल धाराएँ निकलती हैं जिन्हें स्थानीय भाषा में चौ (Choes) कहते हैं। भूगर्भिक संरचना के अनुसार यह सबसे युवा अवस्था की स्थलाकृतियाँ हैं। इनका निर्माण हिमालय पर्वत के अन्तिम मोड़ों के निर्माण के दौरान हुआ है।
- लम्बाकार दून घाटियाँ-ये घाटियाँ दक्षिण में शिवालिक पहाड़ियों तथा उत्तर में हिमालयन पर्वत की दक्षिणी ढालों के मध्य स्थित है। इन लम्बाकार घाटियों को दून (Duns) के नाम से जाना जाता है। सिरमौर जिले की कियारदा दून, सोलन जिले की नालागढ़ दून, ऊना तथा काँगड़ा जिलों की जसवान-नूरपुर दून इसी प्रकार की लम्बाकार दून घाटियाँ हैं। इनकी औसत ऊँचाई 350 से 700 मीटर के मध्य है। इन घाटियों की संरचना शिवालिक पहाड़ियों तथा हिमालयन पर्वतीय ढालों से उतरने वाली नदियों की निक्षेपण प्रक्रिया से हुई है। यहाँ पर्याप्त मात्रा में जलोढ़ों का जमाव पाया जाता है। इन जलोढ़ों की मिट्टी काफी उपजाऊ है तथा यहाँ पर पर्याप्त मात्रा में सिंचाई सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
- बाहरी हिमालयन श्रेणियाँ (The Outer Himalayan Ranges):- हिमालय की इन निम्नवर्ती ढालों की समुद्रतल से औसत ऊँचाई 750 से लेकर 1500 मीटर के मध्य है। ये बाहरी हिमालयन श्रेणियाँ सम्पूर्णता निरन्तर नहीं हैं बल्कि ये कई स्थानों पर कटी-फटी हुई हैं। सियाल-हाथी धार चम्बा में, चम्मुखी-सोला-सिंगी काँगड़ा तथा हमीरपुर में, नैनादेवी की धार बिलासपुर में, रामशहर तथा कसौली धार सोलन में तथा धारटी-सैनधार सिरमौर जिले में ऐसी ही महत्वपूर्ण बाहरी हिमालयन श्रेणियाँ हैं।
(2) लघु हिमालय या मध्यवर्ती क्षेत्र-यह भू-भाग बाहरी हिमालय तथा उच्च हिमालय क्षेत्र के मध्य का संक्रमण क्षेत्र है। प्राकृतिक रूप से इस भू-क्षेत्र के उत्तर-पूर्व की ओर धौलाधार पर्वत श्रेणियाँ हैं। इस क्षेत्र की चौड़ाई 75 से 100 किलोमीटर के करीब है। इस भू-भाग की समुद्र तल से ऊँचाई नदी घाटी क्षेत्रों में 700 मीटर से लेकर उच्च धौलाधार पर्वत श्रेणियों पर 4500 मीटर के करीब है। चम्बा, काँगड़ा, मण्डी, हमीरपुर, बिलासपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर जिलों के अधिकतर भाग इसी कटिबन्ध में स्थित हैं। इस हिमालय क्षेत्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि धौलाधार एवं पीर पंजाल पर्वत श्रृंखलाओं की ओर बढ़ने पर धीरे-धीरे ऊँचाई बढ़ती जाती है। शिमला की दक्षिण में चूढ चाँदनी की ऊँची चोटी (3647 मीटर) स्थित है। इसी भू-क्षेत्र भूगर्भिक संरचना में ग्रेनाइट तथा अन्य रवेदार चट्टानों की प्रधानता है। इस भू-क्षेत्र की चट्टानें पुरना तथा कार्बनीफिरयस युग से लेकर पुरना इयोसीन युग से संबंधित है। इस भू-क्षेत्र की स्थलाकृतियों को अग्रलिखित प्रमुख पर्वत श्रेणियों तथा घाटियों में विभाजित किया जाता है
- प्रमुख पर्वती श्रेणियाँ-इन सबमें धौलाधार पर्वत श्रेणियाँ प्रमुख हैं। धौलाधार पर्वत श्रेणी की तलहटी पर काँगड़ा की घाटी या धर्मशाला स्थित है। धौलाधार का अर्थ सफेद चोटी होता है। धौलाधार पर्वत श्रेणी को चम्बा के दक्षिण पश्चिम भाग में रावी नदी द्वारा, लारजी में व्यास नदी द्वारा तथा रामपुर के नजदीक सतलुज नदी द्वारा काटा गया है। इस पर्वत श्रेणी की आगे की ओर बढ़ी हुई पर्वतश्रेणियाँ पूर्व की ओर नागटिब्बा या चूड़धार पर्वत श्रेणियाँ शिमला कटक के उत्तर में स्थित हैं। चूड़धार के पूर्व में मसूरी (Maussorie) पर्वत श्रेणी इसका आगे बढ़ा हुआ भू-भाग है। शिमला के दक्षिण में चढ चाँदनी की चोटी 3647 मीटर ऊँची है। यह पर्वत श्रेणी चम्बा तथा काँगडा जिलों के मध्य सीमा विभाजन काधौलाधार पर्वत श्रृंखला का उत्तरी सिरा पीर पंजाल श्रेणी के दक्षिणी सिरे से जुड़ा हुआ है। ये पर्वत श्रेणियाँ मण्डी तथा कुल्लू जिले में सीमा रेखा विभाजन का कार्य करती है।दक्षिणी-पश्चिमी मानसून पवनें जब इन पर्वतों के सहारे ऊपर की ओर उठती हैं तो इनके टकराने से काँगड़ा क्षेत्र में भारी वर्षा करती हैं।
(3) उच्च हिमालय या ग्रेट हिमालयन क्षेत्र-इस भू-भौतिक प्रदेश की भी संक्रमण स्थिति लघु हिमालय तथा ट्रांस हिमालयन भू-भाग के मध्य है। इस भू-भाग की आर्थिक दृष्टि से प्रमुख स्थलाकृतियाँ हैं। इन नदी घाटियों की समुद्र तल से औसत ऊँचाई 500 से 1000 मीटर के मध्य है। व्यास नदी की काँगड़ा तथा बल्ह घाटियाँ, सतलुज नदी की बरमाणा, जुखाला, घुमारवीं, धामी, करसोग तथा कुनिहार घाटियाँ
भौगोलिक आधार पर यह हिमालयन क्षेत्र उत्तर तथा उत्तर-पूर्व की ओर ग्रेट हिमालयन तथा पीर पंजाल श्रेणियों द्वारा घिरा हुआ है। इस भू-भाग की औसत चौड़ाई 60 किलोमीटर के करीब है। इस भू-प्रदेश की ऊँचाई नदी घाटी क्षेत्रों में 1000 मीटर से लेकर उच्च ग्रेट हिमालयन पर्वतीय श्रेणियों इस भू-क्षेत्र का विस्तार चम्बा, कुल्लू, शिमला, किन्नौर तथा लाहौल-स्पीति जिलों में है। चम्बा, कुल्लू, पार्वती, रूपी तथा सतलुज की घाटियाँ इस भू-क्षेत्र ग्रेट हिमालयन तथा पीर पंजाल श्रेणियाँ-ये प्रमुख पर्वतीय श्रेणियाँ रावी तथा व्यास के नदी बेसिनों को दक्षिणी हिस्सों में, जबकि चिनाब तथा स्पीति के ऊपर 7000 मीटर के करीब है। इस भू-प्रदेश की भूगर्भिक संरचना पूरना तथा मैसोजोइक युग (6,5-24.5 करोड़ वर्ष) से संबंधित है। इन घाटियों की समुद्र तल से औसत 1500 से 2000 मीटर के मध्य है। सभी पर्वतीय श्रेणियों की औसत ऊँचाई 4000 से 3600 मीटर क मध्य ह परन्तु इनमें कुछ पर्वतीय चोटियाँ 6500 मीटर से भी अधिक ऊँची हैं।पाराशाला (6000 मीटर), दिओ टिब्बा (6000 मीटर) तथा डिब्बी वोकरी (6400 मीटर) यहाँ की सबसे ऊंची पर्वतीय चोटियाँ हैं। ये ऊँची-ऊँची
पर्वत श्रेणियाँ इस क्षेत्र की जलवायु संबंधी परिस्थितियों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं।
(4) आन्तरिक हिमालय या ट्रांस हिमालयन क्षेत्र-यह हिमाचल प्रदेश के उत्तरी तथा उत्तरी पूर्वी हिस्से में स्थित हैं। जस्कर (Zansker) श्रेणी तथाइसकी उपशाखाएँ हिमाचल प्रदेश की तिब्बत के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमाएँ निर्धारित करती हैं। जस्कर हिमालय पर्वत श्रेणी या ट्रांस हिमालय (Trans Himalayas) (5000-6000 मीटर) किन्नौर और स्पीति को तिब्बत से अलग करती है।
Himachal Pradesh Mountain Peaks Important Quetion By www.himexam.com
||Peaks of Himachal Pradesh||Mountain Peaks Of HP In HIndi PDF||
- जाख धार किस जिले में स्थित है? -हमीरपुर।
- शिवालिक पहाड़ियों की अधिकतम ऊँचाई कितनी है? -1500 मीटर।
- हिमाचल प्रदेश को तिब्बत से कौन-सी पर्वत श्रृंखला अलग करती है? -जास्कर।
- चूड चाँदनी क्या है? -शिमला के दक्षिण में स्थित पर्वत चोटी।
- हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है? -शिल्ला (7026 मीटर)
- uना जिले की पहाड़ियों को किस नाम से जाना जाता है? -शिवालिका
- 'सोलह सिंगी' धार किस जिले में स्थित है? -हमीरपुर।
- 'हाथीधार' किन जिलों की सीमा बनाती है? -चम्बा और कांगड़ा।
- रियो कथूल चोटी किस पर्वत श्रृंखला पर स्थित है? -जास्कर।
- शिमला नगर के दक्षिण में कौन-सी पर्वत चोटी स्थित है? -चूड़धार।
- काँगड़ा घाटी किस पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित है? –धौलाधार।
- हिमाचल प्रदेश को मैदानों से पृथक करने वाली पर्वत श्रृंखला कौन-सी है? -शिवालिका
- धौलाधार पर्वत श्रृंखला किस तीर्थ स्थान के पास बृहत हिमालय पर्वत श्रृंखला से पृथक होती है? – बद्रीनाथ।
- 'चोलाग चोटो' (3270 मीटर) किस पर्वत चोटी में स्थित है? -धौलाधार।
- पोर पंजाल पर्वत श्रृंखला मुख्यतः किस जिले में स्थित है? -चम्बा।
- शिमला और सिरमौर के बीच कौन-सी पर्वत चोटी स्थित है? -चूड़धार।
- चूड़धार की समुद्रतल से ऊँचाई कितनी है? -3647 मीटर।
- हिमालय पर्वत की नीची पहाड़ियों को क्या कहते हैं? -शिवालिक।
- 'शिंगरिला' पर्वत चोटी किस जिले में स्थित है? -लाहौल-स्पीति।
- सिकंदर धार से कौन-सा मुस्लिम शासक संबंधित है? -सिकंदर लोदी।
- श्रीखण्ड' पर्वत चोटी किस जिले में स्थित है? -कुल्लू।
- इन्द्रासन पर्वत चोटी हिमाचल प्रदेश के किस जिले में है? – कुल्लू।
- हि.प्र. की कौन-सी पहाड़ियाँ 'चोस' का निर्माण करती हैं? -शिवालिक।
- धौलाधार पर्वत श्रेणी कहाँ पर आरंभ होती है? -बद्रीनाथ (उत्तराखण्ड)
- धौलाधार का उत्तरी सिरा किससे जुड़ा है? -बड़ा बंगाल की पर्वत ग्रंथि से।
- धौलाधार पर्वत श्रेणी की औसत ऊँचाई कितनी है? -4550 मीटर।
- रिवो फर्मुल चोटी की ऊँचाई कितनी है? -6791 मीटर।
- देव टिब्बा 6001 मीटर और किन्नर कैलाश 6500 मीटर ऊँचा है।
- मुरोगला चोटी किस जिले में स्थित है? -लाहौल-स्पीति।
- हाटू शिखर किस पर्यटक स्थल पास स्थित है? -नारकण्डा।