Daily GK Topic:- 06 April 2023

 Daily GK Topic:- 06 April 2023

Post Name:- Daily Gk Topic

Post Date:- 06 April 2023

Language:- Hindi

Daily GK Topic:- 06 April 2023




अटलांटिक महासागर (Atlatic Ocean)

 विस्तार तथा आकार - अटलांटिक महासागर का कुल क्षेत्रफल 8, 29, 63,800 वर्ग कि०मी० है। इस प्रकार इसका क्षेत्रफल प्रशांत महासागर के क्षेत्रफल से आधा है और यह विश्व के 1/6 भाग पर फैला हुआ है। यह उत्तर में ग्रीनलैंड से लेकर दक्षिण में अंटार्कटिक महाद्वीप तक फैला हुआ है। इसकी आकृति अंग्रेज़ी के अक्षर ‘S’ जैसी है। इसके पूर्व में यूरोप एवं अफ्रीका तथा पश्चिमी में उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका हैं। यह महासागर भूमध्य रेखा के पास सँकरा है और उत्तर तथा दक्षिण की ओर अधिक खुला हुआ है।

 नितल - अटलांटिक महासागर में महाद्वीपीय मग्नतट बहुत विस्तृत है। अफ्रीका के तट के समीप इसकी चौड़ाई 80 से 160 कि०मी० है। परंतु उत्तर पश्चिमी यूरोप तथा उत्तर-पूर्वी अमेरिका के तटों के पास इसकी चौड़ाई 250 से 400 कि०मी० तक है। 

अटलांटिक महासागर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता 'मध्य अटलांटिक कटक' (Mid& Atlantic Ridge) है। यह उत्तर में आइसलैंड से दक्षिण में बौवेट द्वीप (Bouvet Island) तक लगभग 14,000 कि०मी० लंबा तथा 4,000 मीटर ऊँचा है। यह अटलांटिक महासागर के किनारों के समानान्तर 'S' का आकार बनाता है। 55° उत्तरी अक्षांश के पास यह अधिक चौड़ा हो जाता है। यहाँ इसे 'टेलीग्राफिक पठार' (Telegraphic Plateau) के नाम से पुकारा जाता है। भूमध्य रेखा के निकट रोमांश गंभीर (Romanche Deep) इसे दो भागों में बाँटता है। उत्तरी भाग का नाम 'डोलफिन श्रेणी' (Dolphin Rise) तथा दक्षिणी भाग का नाम 'चैंलजर कटक' (Chalenger Ridge) है। इस प्रकार अटलांटिक महासागर का नितल दो गहरे बेसिनों के रूप में बाँटा जाता है। 

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यद्यपि यह एक जलमग्न कटक है तो भी इसकी अनेक चोटियाँ जल से ऊपर उठकर छोटे-छोटे द्वीपों का रूप धारण कर गई हैं। अजोर्स (Azores) का पाइको द्वीप (Pico Island) तथा केप वर्दे द्वीप (Cape Verde Island) इसके प्रमुख उदाहरण हैं। सबसे तीखी चोटी भूमध्य रेखा के निकट सेंट पॉल (St. Paul) नामक छोटे द्वीप समूह की है। दक्षिणी अटलांटिक महासागर में असेंसन (Ascension), त्रिस्तां दउ - कुन्हा ( Tristan-da- Cunha ), सेंट हेलेना (St. Helena), गुआ (Gough ) तथा बौवेट ज्वालामुखी द्वीप हैं। 

बेसिन - अटलांटिक महासागर के तटों और मध्य अटलांटिक कटक के बीच कई गहरे सागरीय भाग हैं जिन्हें बेसिन कहते हैं। साधारणतः इनकी गहराई 4,000 मीटर है। लैब्रेडोर बेसिन, उत्तर पूर्वी अटलांटिक महासागरीय बेसिन, केप वर्दे बेसिन, ब्राजील का बेसिन, दक्षिण-पूर्वी अटलांटिक महासागरीय बेसिन, अर्जेंटाइना बेसिन तथा अगुलहास बेसिन प्रमुख हैं।

द्वीप- अटलांटिक महासागर में द्वीपों की कमी है। न्यूफाउंडलैंड, ब्रिटिश द्वीप समूह, पश्चिमी द्वीप समूह आदि तटीय द्वीप उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित हैं। दक्षिणी अमेरिका के तट के साथ फॉकलैंड द्वीप है। मध्य अटलांटिक कटक पर अनेक छोटे-छोटे द्वीप हैं जिनका वर्णन पहले किया जा चुका है। गर्त - इस महासागर में गर्तों का भी अभाव है। मरें (Murray) के अनुसार 5,500 मीटर से अधिक गहराई वाले 19 गर्त हैं। 7,000 मीटर से अधिक गहराई वाले केवल दो ही गर्त हैं- 1. प्यूरिटो रिको, तथा 2. साउथ सैंडविच गर्त । 

तटवर्ती सागर- अटलांटिक महासागर के तटों के साथ अनेक सागर हैं। बेफिन की खाड़ी, हडसन की खाड़ी, उत्तरी सागर, बाल्टिक सागर, मैक्सिको की खाड़ी, भूमध्य सागर ( रूम सागर ) तथा केरीबियन सागर महत्वपूर्ण सागर हैं।


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